मिरगी एक ऐसी बीमारी है, जो शारीरिक या मानसिक रूप से कमजोर लोगों को ज्यादा होती है। ज्यादा शराब पीना, सिर में चोट लगना या बहुत ज्यादा शारीरिक मेहनत करने से यह बीमारी हो सकती है। मिरगी में अचानक दौरे पड़ते हैं, जिसमें रोगी गिर पड़ता है। आइए जानते हैं इसके लक्षण और मिरगी का घरेलू इलाज।
मिरगी के दौरे के लक्षण
जब मिरगी का दौरा पड़ता है, तो:
- रोगी अचानक गिर जाता है।
- हाथ, पैर और गर्दन अकड़ जाते हैं।
- पलकें एक जगह रुक जाती हैं।
- रोगी हाथ-पैर पटकता है।
- जीभ अकड़ने से बोल नहीं पाता।
- मुंह से पीला झाग निकलता है।
- चारों तरफ अंधेरा या सब कुछ सफेद दिखता है।
ये दौरे 10-15 मिनट से लेकर 1-2 घंटे तक चल सकते हैं।
दौरा पड़ने पर तुरंत क्या करें?
- रोगी को दाहिनी करवट लिटाएं, ताकि मुंह से झाग आसानी से निकल जाए।
- दौरे के समय रोगी को कुछ भी खाने-पाने को न दें।
- अमोनिया या चूने की गंध सुंघाएं, इससे बेहोशी कम हो सकती है।
ध्यान दें: रोगी के मुंह में कुछ न डालें, क्योंकि इससे नुकसान हो सकता है।
3 आसान घरेलू उपाय
यहां कुछ सरल और असरदार उपाय हैं, जो मिरगी का घरेलू इलाज करने में मदद करेंगे:
- ब्रह्मी बूटी का रस
- 1 चम्मच ब्रह्मी बूटी का रस लें।
- सुबह-शाम रोगी को पिलाएं।
- अगर दौरा हल्का हो, तो इसमें थोड़ा सेंधा नमक मिलाकर दिन में 2 बार दें।
- यह दिमाग को शांत करता है और दौरे कम करता है।
- नीम, अजवायन और काला नमक का पेस्ट
- नीम की कोमल पत्तियां, अजवायन और काला नमक लें।
- इन सबको पानी में पीसकर पेस्ट बनाएं।
- इस पेस्ट को रोगी को रोज खाने में दें।
- यह मिरगी के दौरे को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- तुलसी और कपूर
- 4-5 तुलसी के पत्ते कुचल लें।
- इसमें थोड़ा कपूर मिलाएं।
- इस मिश्रण को रोगी को सुंघाएं।
- यह दौरे के समय बेहोशी को कम करता है।
इन बातों का ध्यान रखें
- रोगी को तनाव से बचाएं।
- ज्यादा शराब या थकान से दूर रहें।
- अगर दौरे बार-बार हों या हालत गंभीर हो, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें।
- कोई भी उपाय आजमाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें।
सुरक्षित रहें
मिरगी के रोगी को अकेले न छोड़ें, खासकर जब दौरा पड़ने की संभावना हो। इन आसान उपायों से मिरगी का घरेलू इलाज घर पर ही किया जा सकता है। स्वस्थ रहें और सावधानी बरतें!