डिप्रेशन का आयुर्वेदिक इलाज :डिप्रेशन के लिए आयुर्वेदिक दवा

A sad man holding his head in distress, symbolizing depression and emotional pain.

आज हम बात करेंगे विशाद (डिप्रेशन) के बारे में। यह एक आयुर्वेदिक स्थिति है, जिसे “आयुर्वेदिक स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट गाइडलाइंस” में बताया गया है। इस ब्लॉग में हम विशाद के लक्षण, कारण और इसके आयुर्वेदिक इलाज को तीन स्तरों (लेवल 1, लेवल 2, और लेवल 3) में समझेंगे। इसे आसान हिंदी में लिखा गया है ताकि आप इसे समझ सकें और अपने जीवन में उपयोग कर सकें।

विशाद (डिप्रेशन) क्या होता है?

विशाद एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति बहुत उदास और निराश महसूस करता है। आयुर्वेद में इसे वातनानात्मज विकार कहते हैं। यह वात दोष के असंतुलन से होता है। इसके साथ-साथ चिंता (एंग्जाइटी) के लक्षण भी दिख सकते हैं।

विशाद के मुख्य लक्षण

आइए, इसके लक्षणों को दो भागों में समझते हैं:

  • मानसिक लक्षण:
    • बहुत ज्यादा उदासी और निराशा
    • डर लगना और थकान
    • आत्महत्या के विचार आना
    • चिंता और हताशा
  • शारीरिक लक्षण:
    • थकान और कमजोरी
    • मुंह सूखना और ज्यादा पसीना
    • भटकने की आदत
    • जलन और कंपकंपी

विशाद से मिलती-जुलती बीमारियां

कभी-कभी विशाद को दूसरी बीमारियों से अलग करना जरूरी होता है। ये हैं:

  • कफज उन्माद
  • अनिद्रा

विशाद का आयुर्वेदिक इलाज: तीन स्तरों में समझें

आयुर्वेद में विशाद (डिप्रेशन) का इलाज तीन स्तरों पर किया जाता है। हर स्तर की अपनी खास दवाइयां और सलाह होती हैं। आइए, इसे विस्तार से देखें।

लेवल 1: छोटे आयुर्वेदिक क्लिनिक में इलाज

यह पहला स्तर है। यहां इलाज छोटे क्लिनिक या पीएचसी में होता है। इसमें दवाइयां और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं।

लेवल 1 की दवाइयां

यहां दी गई तालिका में दवाइयों की जानकारी है:

दवारूपमात्रासमयअवधिअनुपान
वचचूर्ण1-2 ग्रामभोजन से पहले, दिन में 2 बार4-8 हफ्तेशहद
ब्राह्मीचूर्ण3-6 ग्रामभोजन से पहले, दिन में 3 बार4-8 हफ्तेघी
अश्वगंधाचूर्ण3-6 ग्रामभोजन से पहले, दिन में 3 बार4-8 हफ्तेघी
शंखपुष्पीचूर्ण3-6 ग्रामभोजन से पहले, दिन में 3 बार4-8 हफ्तेघी
कुष्मांडस्वरस50 मिलीसुबह खाली पेट1 महीना
ज्योतिष्मती तेलतेल2-4 बूंदेंसुबह खाली पेट4-8 हफ्तेदूध/बाटसा
मंस्यादि क्वाथक्वाथ20-40 मिलीभोजन से पहले, दिन में 2 बार2-3 हफ्तेपानी
सरस्वतारिष्टअरिष्ट10-20 मिलीभोजन के बाद, दिन में 3 बार2-3 हफ्तेबराबर पानी

Alt Text सुझाव: “लेवल 1 के लिए विशाद की आयुर्वेदिक दवाइयों की तालिका जिसमें दवा, मात्रा, समय और अनुपान की जानकारी है।”

लेवल 1 में आहार और जीवनशैली

क्या करें (पथ्य):

  • ताजा और सात्विक खाना खाएं। उदाहरण: गेहूं, मूंग दाल, लाल चावल, परवल, नारियल।
  • अच्छी नींद लें और ध्यान करें।
  • साफ-सफाई का ध्यान रखें।

क्या न करें (अपथ्य):

  • शराब और मसालेदार खाना न खाएं।
  • बासी खाना और रात में देर तक जागना छोड़ दें।
  • ज्यादा तनाव न लें।

कब रेफर करें?

  • अगर मरीज को इस इलाज से आराम न मिले।
  • अगर और जांच की जरूरत हो।

लेवल 2: सीएचसी या छोटे अस्पताल में इलाज

यह दूसरा स्तर है। इसमें लेवल 1 की दवाइयों के साथ कुछ नई दवाइयां और उपचार जोड़े जाते हैं।

लेवल 2 की दवाइयां

दवारूपमात्रासमयअवधिअनुपान
सरस्वतारिष्ट (सोने के साथ)अरिष्ट10-20 मिलीभोजन के बाद, दिन में 3 बार2-3 हफ्तेबराबर पानी
उन्मादगज केशरी रसवटी1-2 वटी (250-500 मिलीग्राम)भोजन के बाद2-3 हफ्तेघी
कल्याण घीघी10-30 मिलीसुबह खाली पेट1 महीनागर्म दूध
पंचगव्य घीघी10-30 मिलीसुबह खाली पेट1 महीनागर्म दूध
ब्राह्मी घीघी10-30 मिलीसुबह खाली पेट1 महीनागर्म दूध
द्राक्षादि कषायकषाय60 मिलीभोजन से पहले, दिन में 2 बार1 महीना
कुष्मांड अवलेहअवलेह10-20 ग्रामसुबह खाली पेट1 महीनागर्म दूध

Alt Text सुझाव: “लेवल 2 के लिए विशाद की आयुर्वेदिक दवाइयों की तालिका जिसमें दवा, मात्रा, समय और अनुपान की जानकारी है।”

लेवल 2 में अतिरिक्त उपचार

  • मृदु विरेचन: शरीर को साफ करने के लिए अविपत्तिकर चूर्ण (5-10 ग्राम) पानी के साथ 3-5 दिन तक लें।
  • शोधन:
    • नस्य: हिंगु घी या पंचगव्य घी का उपयोग करें।
    • वमन: धमार्गव के साथ वमन करें।
    • विरेचन: त्रिवृत लह्य (30 ग्राम) लें।
  • रसायन:
    • शिलाजतु रसायन कल्प
    • अमलकी रसायन कल्प

लेवल 2 में आहार और जीवनशैली

लेवल 1 के समान नियम अपनाएं।

लेवल 3: बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल में इलाज

यह तीसरा स्तर है। इसमें मरीज को बड़े आयुर्वेदिक अस्पताल में रेफर किया जाता है। इलाज लेवल 1 और 2 की तरह ही होता है, लेकिन ज्यादा गहन जांच और पंचकर्म प्रक्रियाएं की जा सकती हैं।

विशाद से बचने के लिए टिप्स

  • तनाव कम करें और ध्यान करें।
  • सात्विक और ताजा खाना खाएं।
  • अच्छी नींद लें और साफ-सफाई रखें।

निष्कर्ष

विशाद (डिप्रेशन) एक गंभीर स्थिति है, लेकिन आयुर्वेदिक इलाज से इसे ठीक किया जा सकता है। लेवल 1 से शुरू करें, और जरूरत हो तो लेवल 2 और 3 तक जाएं। अपने खानपान और दिनचर्या का ध्यान रखें। अगर आपको लगता है कि आप विशाद से पीड़ित हैं, तो जल्द से जल्द आयुर्वेदिक डॉक्टर से मिलें।

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